Monday 30 May 2016

यह है दुनिया का सबसे बड़ा ब्रिज ( This is the largest bridge in the world )


Danyang-Kunshan ग्रैंड ब्रिज (china ) दुनिया का सबसे लंबा पुल है। यह 164.8 किलोमीटर लंबा बीजिंग -शंघाई हाई स्पीड रेलवे ब्रिज है ।
यह 2010 में पूरा कर लिया और 2011 में 10,000 लोगों के लिए खोला गया था , निर्माण में चार साल लग गए और  $ 8.5 अरब की लागत लगी । Danyang- Kunshan ग्रैंड ब्रिज वर्तमान जून 2011 से किसी भी श्रेणी में दुनिया में सबसे लंबे पुल के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड रखती है ।
यह(Bridge)पुल पूर्वी चीन के Jiangsu प्रांत में शंघाई और नानजिंग के बीच रेल लाइन पर स्थित है। पुल मोटे तौर पर , यांग्त्ज़ी नदी के समानांतर चलता है और जनसंख्या केन्द्रों के उत्तरी किनारों से होकर गुजरता है ।

(यह है दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान It is the world 's largest cemetery)


( Wadi Al-Salam Cemetery)

 वाडी-अल-सलाम दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान है। और यह 1400 से अधिक साल पुराना है। इस शहर मे लगभग 15 % कब्रिस्तान शामिल हैं। वाडी-अल-सलाम मुसलमानों का सबसे पवित्र कब्रिस्तान है। हजारों साल से मुसलमान यहां उनके मृत दफनाने। इतना ही नहीं इराक से लेकर ईरान , पाकिस्तान, भारत और कई अन्य देशों के मुसलमान लोगों को दफनाने के लिए से यहाँ आया करते थे। यहा 10 लाख लोगों की कब्र है।

Wednesday 18 May 2016

(Great wall of china चीन की विशाल दीवार)



(Great wall of china चीन की विशाल दीवार)

चीन की विशाल दीवार मिट्टी और पत्थर से बनी है जिसे चीन के विभिन्न शासको के द्वारा उत्तरी हमलावरों से रक्षा के लिए पाँचवीं शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर सोलहवी शताब्दी तक बनवाया गया। इसकी विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की इस मानव निर्मित ढांचे को अन्तरिक्ष से भी देखा जा सकता है। यह दीवार ६,४०० किलोमीटर क्षेत्र में फैली है। इसका विस्तार पूर्व में शानहाइगुआन से पश्चिम में लोप नुर तक है और कुल लंबाई लगभग ६७०० किमी है।  इस महान दीवार निर्माण परियोजना में लगभग २० से ३० लाख लोगों ने अपना जीवन लगा दिया था।चीन में राज्य की रक्षा करने के लिए दीवार बनाने की शुरुआत हुई आठवीं शताब्दी ईसापूर्व में जिस समय कुई और जाहो राज्यों ने तीर एवं तलवारों के आक्रमण से बचने के लिए मिटटी और कंकड़ को सांचे में दबा कर बनाई गयी ईटों से दीवार का निर्माण किया। इस साम्राज्य ने सभी छोटे राज्यों को एक करके एक अखंड चीन की रचना की। किन साम्राज्य से शासको ने पूर्व में बनायी हुई विभिन्न दीवारों को एक कर दिया जो की चीन की उत्तरी सीमा बनी। पांचवीं शताब्दी से बहुत बाद तक ढेरों दीवारें बनीं, जिन्हें मिलाकर चीन की दीवार कहा गया। प्रसिद्धतम दीवारों में से एक २२०-२०६ ई.पू. में चीन के प्रथम सम्राट किन शी हुआंग ने बनवाई थी। उस दीवार के अंश के कुछ ही अवशेष बचे हैं। यह नए चीन की बहुत लम्बी सीमा आक्रमणकारियों के लिए खुली थी इसलिए किन शासको ने दीवार को चीन की बाकी सीमाओं तक फैलाना शुरू कर दिया। इस कार्य के लिए अथम परिश्रम एवं साधनों की आवश्यकता थी। दीवार बनाने की सामग्री को सीमाओं तक ले जाना एक कठिन कार्य था इसलिए मजदूरों ने स्थानीय साधनों का उपयोग करते हुए पर्वतों के निकट पत्थर की एवं मैदानों के निकट मिटटी एवं कंकड़ की दीवार का निर्माण किया। आज यह दीवार विश्व में चीन का नाम ऊंचा करती है।

Monday 16 May 2016

बरमूडा त्रिभुज (Bermuda Triangle)

बरमूडा त्रिभुज

 बरमूडा त्रिकोण, जिसे शैतान के त्रिकोण के रूप में भी जाना जाता है, यह उत्तर पश्चिम अटलांटिक महासागर का एक क्षेत्र है जिसमे कुछ विमान और जहाज  गायब हो गए हैं। कुछ लोगों का दावा है कि ये गायब होने की बातें मानव त्रुटि (human error) या प्रकृति के कृत्यों (acts of nature) की सीमाओं के परे है।

बरमूडा त्रिभुज के दुर्घटनाओं के क्षेत्र

Thursday 12 May 2016

दुनिया की सबसे ऊंची इमारत (Burj Khalifa )



बुर्ज ख़लीफ़ा (Burj Khalifa )
दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है
निर्माण को शुरू हुआ 6 जनवरी, का वर्ष 2004


बुर्ज ख़लीफ़ा दुबई में आठ अरब डॉलर की लागत से छह साल में निर्मित ८२८ मीटर ऊंची १६८ मंज़िला दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है (जनवरी, सन् २०१० में)। इसका लोकार्पण ४ जनवरी, २०१० को भव्य उद्घाटन समारोह के साथ किया गया। इसमें तैराकी का स्थान, खरीदारी की व्यवस्था, दफ़तर, सिनेमा घर सहित सारी सुविधाएँ मौजूद है। इसकी ७६ वीं मंजिल पर एक मस्जिद भी बनाई गई है। इसे ९६ किलोमीटर दूर से भी साफ़-साफ़ देखा जा सकता है। इसमें लगाई गई लिफ़्ट दुनिया की सबसे तेज़ चलने वाली लिफ़्ट है। “ऐट द टॉप” नामक एक आउटडोर अवलोकन डेक, 124 वी मंजिल पर, 5 जनवरी 2010 पर खुला। यह 452 मीटर (1,483 फुट) पर, दुनिया में तीसरे सर्वोच्च अवलोकन डेक और दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा आउटडोर अवलोकन डेक है।में आठ अरब डॉलर की लागत से छह साल में निर्मित ८२८ मीटर ऊंची १६८ मंज़िला दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है (जनवरी, सन् २०१० में)। इसका लोकार्पण ४ जनवरी, २०१० को भव्य उद्घाटन समारोह के साथ किया गया। इसमें तैराकी का स्थान, खरीदारी की व्यवस्था, दफ़तर, सिनेमा घर सहित सारी सुविधाएँ मौजूद है। इसकी ७६ वीं मंजिल पर एक मस्जिद भी बनाई गई है। इसे ९६ किलोमीटर दूर से भी साफ़-साफ़ देखा जा सकता है। इसमें लगाई गई लिफ़्ट दुनिया की सबसे तेज़ चलने वाली लिफ़्ट है। “ऐट द टॉप” नामक एक आउटडोर अवलोकन डेक, 124 वी मंजिल पर, 5 जनवरी 2010 पर खुला। यह 452 मीटर (1,483 फुट) पर, दुनिया में तीसरे सर्वोच्च अवलोकन डेक और दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा आउटडोर अवलोकन डेक है।